Eagle Leadership-Start your process of change and fly like an Eagle.बाज से सीखें जीने का तरीका
ईगल एक बहुत बड़ा शिकारी पक्षी होता है इस पक्षी को आसमान की ऊचाईयो से बहुत प्रेम होता है यह धरती पर तभी आता है जब इसको शिकार करना होता है इसकी नजर बहुत तेज़ होती है और आसमान से ही धरती पर अपने शिकार को देख लेता है.
प्राचीन काल से ही इस पक्षी को शक्ति और साहस का प्रतीक माना गया है ! भारत में इसे विष्णु के वाहन गरुड़ की संज्ञा दी गई है,स्केंडेनविया में इसे तूफान का देवता कहा जाता है यह उन बहुत से पक्षियों को समाप्त करता है जो कृषि और मनुष्यों को हानि पहुंचाते है ! इसी कारण यह जंतुसंसार का संतुलन बनाये रखता है !इसकी उड़ने की गति लगभग 120 - 160 किलोमीटर / घण्टा होती है यह लगभग 70 साल तक जीवित रहता है।
"एक तोता बहुत बातचीत करता है और ऊंची उड़ान नहीं भर सकता, लेकिन एक ईगल चुप है और उसमें आसमान छूने की इच्छा शक्ति होती है।"
क्या कभी आप ने सोचा है इतनी सारी विषेताए होने के बाद भी इस पक्षी के जीवन में एक समय ऐसा भी आता है की या तो ये भुख से मर जाए या फिर एक बहुत ही दर्दनाक प्रक्रिया से गुजरे ? तो आइये जानते है की कैसे हम हर विषम से विषम समय में साहस और इच्छाशक्ति के दम पर कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते है !
ईगल के पास अपनी प्रजातियो में से सबसे लंबा जीवन काल होता है लेकिन इस उम्र तक पहुंचने के लिए इस पक्षी को एक बहुत ही कठिन चुनाव करना पड़ता है जब ईगल अपने 40 वे वर्ष में प्रवेश करता है तो उसके लम्बे और लचीले पंजे शिकार को पकड़ने में असमर्थ हो जाते है और उसकी लंबी और तेज़ चोंच भी मुड़ना शुरू कर देती है और इसके अलावा इसके बूढ़े और भारी पंख उसकी छाती से चिपकने लगते है और ईगल के लिए उड़ पाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है इसी कारण अब इसको कई-कई दिनों तक भुखा रहना पड़ता है !
उस समय इस विशाल पक्षी के पास सिर्फ दो रास्ते होते है या तो भूख से मर जाये या फिर उस दर्दनाक प्रक्रिया को पास करे और फिर से अपनी जिन्दगी शान से जीए !जैसा की यह पक्षी साहस और शक्ति का प्रतीक होता है और उस दर्दनाक प्रक्रिया का चुनाव करता है !और एक बहुत बड़े पहाड़ की चोटी पर चला जाता है और सबसे पहले वह अपनी लम्बी मुड़ी हुई चोंच को एक चट्टान पर मार-मार कर तोड़ देता है और अब अपनी नई चोंच के वापस बढ़ने का इंतज़ार करता है जब नई चोंच बन जाती है तो ईगल अपनी चोंच की मदद से अपने भारी पंजो को तोड़ना शुरू करता है अब जब नए पंजे वापस बढ़ते है तो ईगल अपने पंखो को भी बाहर निकालना शुरू कर देता है और यह दर्दनाक प्रक्रिया 150 दिनों तक चलती है !
इसके बाद वह अपनी पुनर्जन्म की प्रसिद्ध उड़ान भरता है और अगले 30 से भी अधिक वर्षों तक जीवित रहता है !
Eagle fly alone,not because they are proud,but because
they are not afraid of Soaring above the clouds-Matshona Dhliwayo
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