Chopta - Mini Switzerland Of India and its Tourist Attraction In Hindi
भारत के उत्तराखंड में स्थित एक खुबसूरत हिल स्टेशन जिसका नाम चोपता है उसको छोटा स्विट्जरलैंड भी कहते हैं हिमालय पर्वत की तलहटी में बसे इस खुबसूरत हिल स्टेशन के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं मान्यता है कि भगवान शिव जी और माता पार्वती की शादी यही हुई थी अगर आप भीड़ भाड़ से अलग अपनी छुट्टियां बिताने का प्लान कर रहे हैं तो यह हिल स्टेशन आपके लिए एक दम सही जगह है यहां आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ बहुत एन्जॉय कर सकते हैं यहां आप बहुत सारे पर्यटक स्थलों को एन्जॉय कर सकते हैं
चोपता के लोकप्रिय पर्यटक स्थलों के नाम और उनकी हिन्दी में जानकारी - Best Tourist Places To Visit In Chopta In Hindi
1. तुंगनाथ मंदिर - Tungnath Mahadev Mandir Chopta In Hindi
तुंगनाथ मंदिर दुनिया में भगवान शिव जी के सभी मंदिरों में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है चोपता का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण तुंगनाथ मंदिर है यह पंच केदारों में से एक है तुंगनाथ पर्वत पर स्थित तुंगनाथ मंदिर पंच केदारों में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है यहां भगवान शिव जी के पंच केदारों में से एक रूप की पूजा होती है यह मान्यता है कि महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए करवाया था तुंगनाथ मंदिर चोपता से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
1. तुंगनाथ मंदिर - Tungnath Mahadev Mandir Chopta In Hindi
तुंगनाथ मंदिर दुनिया में भगवान शिव जी के सभी मंदिरों में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है चोपता का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण तुंगनाथ मंदिर है यह पंच केदारों में से एक है तुंगनाथ पर्वत पर स्थित तुंगनाथ मंदिर पंच केदारों में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है यहां भगवान शिव जी के पंच केदारों में से एक रूप की पूजा होती है यह मान्यता है कि महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए करवाया था तुंगनाथ मंदिर चोपता से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
जनवरी-फरवरी में यह सारा एरिया बर्फ से ढका रहता है लेकिन जब जुलाई-अगस्त में बर्फ पिघल जाती है तो मिलो तक फैली हरी घास मानो किसी स्वर्ग से कम नहीं है यह एक इकलौता क्षेत्र है जहां बुग्यालों की दुनिया में सीधे बस द्वारा प्रवेश किया जा सकता है
2. चंद्रशीला पहाड़ी - Chandrashila Trek Chopta Information In Hindi
चोपड़ा का एक और आकर्षक चंद्रशीला पहाड़ी है जो कि तुंगनाथ मंदिर से 2 किलोमीटर ऊपर की और है यहां पहाड़ी पर एक मंदिर भी बना हुआ है जहां से बर्फ से ढकी हिमाचल की चोटीया बहुत ही खूबसूरत दिखाई देती हैं तुंगनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद लगभग सभी पर्यटक चंद्रशीला ट्रैक का आनंद लेते हुए पहाड़ी की चोटी पर पहुंचते हैं यहां बने मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि रामायण काल में भगवान श्री राम ने रावण वध के बाद ब्राह्मण हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए यहां भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी इस तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव जी उन्हें मुक्ति दी थी.
चोपड़ा का एक और आकर्षक चंद्रशीला पहाड़ी है जो कि तुंगनाथ मंदिर से 2 किलोमीटर ऊपर की और है यहां पहाड़ी पर एक मंदिर भी बना हुआ है जहां से बर्फ से ढकी हिमाचल की चोटीया बहुत ही खूबसूरत दिखाई देती हैं तुंगनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद लगभग सभी पर्यटक चंद्रशीला ट्रैक का आनंद लेते हुए पहाड़ी की चोटी पर पहुंचते हैं यहां बने मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि रामायण काल में भगवान श्री राम ने रावण वध के बाद ब्राह्मण हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए यहां भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी इस तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव जी उन्हें मुक्ति दी थी.
3. देवरिया ताल - Deoria Tal Chopta In Hindi
चोपता का एक और आकर्षक देवरिया ताल है एक मान्यता के अनुसार इस को भगवान इंद्र ताल के नाम से जाना जाता है कहा जाता है कि यहां देवता स्नान करने आते थे यह खुबसूरत ताल उखीमठ से चोपता के रास्ते में एक सरी गांव आता है सरी गांव से 4 किलोमीटर पैदल ट्रैकिंग कर के आप देवरिया ताल पहुंच सकते हैं
यह ताल चारों तरफ पहाड़ों से घिरा हुआ है इस ताल का सबसे मनमोहक दृश्य यह है कि इस ताल के पानी में बद्रिनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमनोत्री, नीलकंठ और चौकम्बा पहाड़ीयों की चोटियों का प्रतिबिंब दिखाई देता है यहां रात्रि को रुकना एक अच्छा विकल्प है क्योंकि यहां काफी मात्रा में होटल और धर्मशाला उपलब्ध है यहां आप नोका विहार का भी आनंद उठा सकते हैं
एक और मान्यता के अनुसार इस ताल को महाभारत काल से भी जोड़ा गया है कहा जाता है कि जब पांडव बनवास में थे तो प्यास लगने पर इस ताल में पानी पीने के आए थे तब चार पांडव भगवान यक्ष द्वारा पूछे गए सवालों का सही जवाब नहीं दे पाने के कारण मुर्छित हो जाते तब युधिष्ठिर अपने भाइयों को ढूंढते हुए यहां आते हैं और भगवान यक्ष के सभी सवालों के सही जवाब देते हैं तब जाकर उनके चारों भाईयो को भगवान यक्ष दोबारा जीवित कर देते हैं
4. दुगलबिट्ठा - Dugalbitta Hill Station Chopta In Hindi
चोपड़ा का एक और आकर्षक दुगलबिट्ठा जिसका मतलब होता है दो पहाड़ों के बीच की जगह यह एक छोटा सा खूबसूरत हिल स्टेशन है यह उखीमठ से चोपता जाते हुए चोपता से 7 किलोमीटर पहले पड़ता है बहुत सारे पर्यटक चोपता ना रुक कर दुगलबिट्टा में रुकने है सर्दियों के मौसम में जब चोपता में बहुत ज्यादा बर्फबारी होती है उस समय दुगलबिट्टा हिल स्टेशन पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है
5. ओंकार रत्नेश्वर महादेव मंदिर - Onkar Ratneshwar Mahadev Mandir Chopta In Hindi
देवरिया नाग मंदिर के नाम से प्रसिद्ध ओंकार रत्नेश्वर महादेव मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है यह मंदिर उखीमठ से चोपता जाने के रास्ते में सरी गांव आता है सरी गांव से देवरिया ताल की ट्रैकिंग जब आप आरम्भ करते हैं तो लगभग 1 किलोमीटर चलने पर ओंकार रत्नेश्वर महादेव मंदिर आता है
मंदिर के गर्भ ग्रह में बने शिवलिंग पर तांबे के कुंडल पर सांप की आकृति बनी हुई है इस शिवलिंग की सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि जब आप शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं तो वह जल नाग की आकृति के रूप में बहता है यह मंदिर केदारनाथ और तुंगनाथ मंदिर के जैसा ही बना हुआ है
6. उखीमठ-Ukhimath Chopta In Hindi
ऋषिकेश से चोपता जाते समय चोपता से 45 किलोमीटर पहले उखीमठ आता है उखीमठ हिंदुओं का बहुत ही प्राचीन और लोकप्रिय स्थल है माना जाता है कि यहां पर बाणासुर की बेटी उषा और भगवान श्री कृष्ण के पुत्र अनिरुद्ध की शादी हुई थी इसलिए इस जगह का नाम उषा के नाम से उखीमठ रखा गया यहां पर उषा,भगवान शिव और माता पार्वती अनिरुद्ध और मांधाता के प्राचीन मंदिर है मांधाता प्राचीन सम्राट थे जो अपना सब कुछ त्याग कर यहां तपस्या करने आए थे और 12 सालों तक एक पैर पर खड़े होकर शिव की तपस्या की थी भगवान शिव जी ने प्रसन्न होकर ओंकार की ध्वनि प्रस्तुत की थी मंदिर परिसर में उनकी एक पैर पर बहुत खूबसूरत प्रतिमा है
ऋषिकेश से चोपता जाते समय चोपता से 45 किलोमीटर पहले उखीमठ आता है उखीमठ हिंदुओं का बहुत ही प्राचीन और लोकप्रिय स्थल है माना जाता है कि यहां पर बाणासुर की बेटी उषा और भगवान श्री कृष्ण के पुत्र अनिरुद्ध की शादी हुई थी इसलिए इस जगह का नाम उषा के नाम से उखीमठ रखा गया यहां पर उषा,भगवान शिव और माता पार्वती अनिरुद्ध और मांधाता के प्राचीन मंदिर है मांधाता प्राचीन सम्राट थे जो अपना सब कुछ त्याग कर यहां तपस्या करने आए थे और 12 सालों तक एक पैर पर खड़े होकर शिव की तपस्या की थी भगवान शिव जी ने प्रसन्न होकर ओंकार की ध्वनि प्रस्तुत की थी मंदिर परिसर में उनकी एक पैर पर बहुत खूबसूरत प्रतिमा है
सर्दियों में बर्फ पड़ने पर केदारनाथ मध्यमहेश्वर और तुंगनाथ की पूज्य मूर्तियों को डोली में उखीमठ लाया जाता है जहां पर इनकी अगले 6 महीने तक पूजा होती है
7. कंचुला खरक कस्तूरी मृग अभ्यारण - Kanchula Musk Deer Sanctuary Chopta In Hindi
चोपता से 7 किलोमीटर दूर कस्तूरी मृग अभ्यारण चोपता का एक और पर्यटक आकर्षण है यहां पर आप अनेकों पहाड़ी जानवरों को देख सकते हैं लेकिन मुख्य रूप से कस्तूरी मृग पाए जाते हैं जब भी आप चोपता जाए तो कस्तूरी मृग अभ्यारण जाना ना भूलें क्योंकि दुनिया भर में कस्तूरी मृग बहुत ही कम जगह पर दिखाई देते हैं कस्तूरी मृग खूबसूरत होने के साथ-साथ इसलिए भी प्रसिद्ध है की उसकी नाभि से एक बहुत ही सुगंधित तरल पदार्थ जिसको कस्तूरी कहते हैं बहता है आपको बता दें की यह कस्तूरी तरल पदार्थ केवल नर जाति के मृग की नाभि से ही बहता है कस्तूरी मृग के बारे में एक और बात यह है कि यह मृग कभी भी अपने आश्रय को नहीं छोड़ता है क्योंकि और जानवरों की तुलना में इस जानवर की यादाश्त बहुत ज्यादा होती हैं जिस कारण यह कभी रास्ता नहीं भूलता है
चोपता से 7 किलोमीटर दूर कस्तूरी मृग अभ्यारण चोपता का एक और पर्यटक आकर्षण है यहां पर आप अनेकों पहाड़ी जानवरों को देख सकते हैं लेकिन मुख्य रूप से कस्तूरी मृग पाए जाते हैं जब भी आप चोपता जाए तो कस्तूरी मृग अभ्यारण जाना ना भूलें क्योंकि दुनिया भर में कस्तूरी मृग बहुत ही कम जगह पर दिखाई देते हैं कस्तूरी मृग खूबसूरत होने के साथ-साथ इसलिए भी प्रसिद्ध है की उसकी नाभि से एक बहुत ही सुगंधित तरल पदार्थ जिसको कस्तूरी कहते हैं बहता है आपको बता दें की यह कस्तूरी तरल पदार्थ केवल नर जाति के मृग की नाभि से ही बहता है कस्तूरी मृग के बारे में एक और बात यह है कि यह मृग कभी भी अपने आश्रय को नहीं छोड़ता है क्योंकि और जानवरों की तुलना में इस जानवर की यादाश्त बहुत ज्यादा होती हैं जिस कारण यह कभी रास्ता नहीं भूलता है
8. Kalimath - कालीमठ चोपता में घूमने की जगह
कालीमठ चोपता का एक और पर्यटक आकर्षण है यहां पर भारत में स्थित माता की 108 सिद्ध पीठ में से एक की पूजा होती है यहां प्राचीन काली माता का मंदिर है यह मान्यत है कि इसी जगह पर माता काली धरती मे अंतर्ध्यान हो गई थी साल भर में यहां लाखों की संख्या में पर्यटक माता का आशीर्वाद लेने आते हैं और मनचाही कामना पाते हैं
कालीमठ चोपता का एक और पर्यटक आकर्षण है यहां पर भारत में स्थित माता की 108 सिद्ध पीठ में से एक की पूजा होती है यहां प्राचीन काली माता का मंदिर है यह मान्यत है कि इसी जगह पर माता काली धरती मे अंतर्ध्यान हो गई थी साल भर में यहां लाखों की संख्या में पर्यटक माता का आशीर्वाद लेने आते हैं और मनचाही कामना पाते हैं
चोपता घूमने जाने का सही समय - Best Time To Visit In Chopta In Hindi
वैसे तो पर्यटक साल भर चोपता घूमने जाते हैं लेकिन दिसंबर से फरवरी के महीनों में बहुत ज्यादा बर्फबारी होने के कारण आगे जाने के रास्ते बंद हो जाते हैं और बारिश के मौसम में भी लैंडस्लाइड का खतरा बना रहता है इसलिए मार्च से मई और अक्टूबर से नवंबर के महीनों में चोपता जाने का सबसे ख़ूबसूरत समय माना जाता है इस दौरान आप चोपता की खूबसूरती को निहार सकते हो चोपता में तापमान काफी कम रहता है इसलिए अपने समय के अनुसार गर्म कपड़े अपने साथ लेकर जाएं
चोपता घूमने कैसे जाएं - How To Reach Chopta
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित चोपता एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है भारत की राजधानी दिल्ली से चोपता लगभग 425 किलोमीटर की दूरी पर है यह ऋषिकेश से लगभग 170 किलोमीटर की दूरी पर और देहरादून से 210 किलोमीटर की दूरी पर है
जहाज से चोपता कैसे जाएं - How To Reach Chopta By Flight
चोपता का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जोली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून है भारत के लगभग सभी राज्यों से देहरादून के लिए फ्लाइट मिल जाते हैं यहां से आप बस या टैक्सी की मदद से चौपटा पहुंच सकते हैं
रेल से चोपता कैसे पहुंच - How To Reach Chopta By Train
चोपता का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है भारत के लगभग सभी राज्यों से ऋषिकेश के लिए समय-समय पर ट्रेन उपलब्ध हो जाती है आप ऋषिकेश ट्रेन से आकर चोपता के लिए बस या प्राइवेट टैक्सी का प्रयोग कर सकते है
सड़क मार्ग से चोपता कैसे पहुंचे - How To Reach Chopta By Road
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित चोपता भारत के लगभग सभी राज्यों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है आप दिल्ली से ऋषिकेश या फिर देहरादून होते हुए चोपता बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं ऋषिकेश से उखीमठ होते हुए चोपता काफी अच्छी है सड़क कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ है
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माता वैष्णो देवी जाने का सही समय और जानकारी
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